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गुरुवार, 30 सितंबर 2021

कविबद्रीनाथ राय अमात्य


हेहर, थेथर, आँकड़, पाथर
चोर-उचक्का मुखिया भेल
सुगरक खूरकेँ पूजा होइए
कुकुरक मुँह गमकौआ तेल।

कनहा कुत्ता प्रतिनीधि अछि
गिद्ध बिलाइ विचारक
हरियर-हरियर फसल चरैए
साँढ़ समाज सुधारक।

ने पौरुष आ ने पग पथपर
राजनीति अछि स्तर हीन
सत्ता सुन्दरी विलासितामे
भाँग खा सुतल अछि नीन।

सोलह सिंगार कुतिया मुख मण्डल
आँखिमे काजर लाली ठोर
अंग प्रदर्शन करैत चलैए
ऐंठ नगरमे पहीरि पटोर।

साँढ़ पहिरने खादी कुर्ता
कुम्भकरण सन ठेकैर रहल अछि
जिन्दा पर अधिकार ओकर छै
मुर्दा खाकऽ अकैर रहल अछि।

कौआ-मेना शिक्षक भेल अछि
गद्ध सियार अधिकारी
शिक्षा क्षेत्रकेँ चरलक सभटा
भ्रष्ट साँढ़ सरकारी।

अर्थेटा सँ छैन अपेक्षा
कहबै छैथ छैथ अध्यापक
जान अधुरा बॉंटि रहल छैथ
नहि विचार छैन व्यापक। 

चोटी चानव हकन कनैए
दाढ़ी बैसल कोरामे
राम रहिमक राजनीति अछि
लागल लोक निहोरामे।

मुक्ताचारी गगन विहारी
वाहन व्योम बिहारमे
भ्रष्ट शिरोमणि ऊँच्चासनपर
बैसल अछि सरकारमे।।

जाति धर्म और भाषा क्षेत्रक
जन-जनपर अधिकार जमौने
कारण एतबे हम मूर्ख छी
प्रतिनीधि परिवेश घिनौने।

प्रतिनिधि पतित बनि बैसल
आँखिमे हुनका मोतियाबिन्द
नैतिकताकेँ बेचि खेने छैथ
सुतल छैथ कुम्भकर्णक नीन।

चौसठ आवरण अंग प्रदर्शन
विषवला सन बनि घुमैए
प्रणय घड़ीमे प्रणय निमंत्रण
कुत्ताकेँ ललकारैत घुमैए।

मन्दिर-मस्जिद केर झगड़ामे
विद्या-वैभव भेल समाप्त
भ्रष्टाचारक मेघ लगैए
सगरो अछि अन्हारे व्याप्त।

अन्हरिया केर जन्मल बालक
अन्धकारमे करैए खेल
अन्हरियाकेँ पूजा होइए
बिनु बाती दीपक ओ तेल।

अर्थप्रतिष्ठित अर्थक भूखल
पौरुषकेँ ललकार दैत अछि
हम यदि किछु बाजए चाही
नहि बाजक अधिकार दैत अछि।

जनम-जनमक भूखल-प्यासल
प्रतिनीधि और पंच बनैए
नंगा ओ भीखमंगा मिलिकऽ
बाढ़िमे व्योम बिहार करैए।

हमर घर अन्हारक राजमे
अछि इजोतक आशा
कहिया देखब पूर्ण चन्द्रमा
एतबे अछि अभिलाषा। 
    कविबद्रीनाथ राय अमात्य --

संपर्क  : ग्राम+पोस्ट- करमौली, भया : कलुआह, जिला- मधुबनी (बिहार)

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