( PATTITOL - PURVI RAIYAM PANCHAT ME APNEK SWAGAT AUR ABHINANDAN ACHHI -अपन घर , अप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही, ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

गुरुवार, 30 सितंबर 2021

कविबद्रीनाथ राय अमात्य


हेहर, थेथर, आँकड़, पाथर
चोर-उचक्का मुखिया भेल
सुगरक खूरकेँ पूजा होइए
कुकुरक मुँह गमकौआ तेल।

कनहा कुत्ता प्रतिनीधि अछि
गिद्ध बिलाइ विचारक
हरियर-हरियर फसल चरैए
साँढ़ समाज सुधारक।

ने पौरुष आ ने पग पथपर
राजनीति अछि स्तर हीन
सत्ता सुन्दरी विलासितामे
भाँग खा सुतल अछि नीन।

सोलह सिंगार कुतिया मुख मण्डल
आँखिमे काजर लाली ठोर
अंग प्रदर्शन करैत चलैए
ऐंठ नगरमे पहीरि पटोर।

साँढ़ पहिरने खादी कुर्ता
कुम्भकरण सन ठेकैर रहल अछि
जिन्दा पर अधिकार ओकर छै
मुर्दा खाकऽ अकैर रहल अछि।

कौआ-मेना शिक्षक भेल अछि
गद्ध सियार अधिकारी
शिक्षा क्षेत्रकेँ चरलक सभटा
भ्रष्ट साँढ़ सरकारी।

अर्थेटा सँ छैन अपेक्षा
कहबै छैथ छैथ अध्यापक
जान अधुरा बॉंटि रहल छैथ
नहि विचार छैन व्यापक। 

चोटी चानव हकन कनैए
दाढ़ी बैसल कोरामे
राम रहिमक राजनीति अछि
लागल लोक निहोरामे।

मुक्ताचारी गगन विहारी
वाहन व्योम बिहारमे
भ्रष्ट शिरोमणि ऊँच्चासनपर
बैसल अछि सरकारमे।।

जाति धर्म और भाषा क्षेत्रक
जन-जनपर अधिकार जमौने
कारण एतबे हम मूर्ख छी
प्रतिनीधि परिवेश घिनौने।

प्रतिनिधि पतित बनि बैसल
आँखिमे हुनका मोतियाबिन्द
नैतिकताकेँ बेचि खेने छैथ
सुतल छैथ कुम्भकर्णक नीन।

चौसठ आवरण अंग प्रदर्शन
विषवला सन बनि घुमैए
प्रणय घड़ीमे प्रणय निमंत्रण
कुत्ताकेँ ललकारैत घुमैए।

मन्दिर-मस्जिद केर झगड़ामे
विद्या-वैभव भेल समाप्त
भ्रष्टाचारक मेघ लगैए
सगरो अछि अन्हारे व्याप्त।

अन्हरिया केर जन्मल बालक
अन्धकारमे करैए खेल
अन्हरियाकेँ पूजा होइए
बिनु बाती दीपक ओ तेल।

अर्थप्रतिष्ठित अर्थक भूखल
पौरुषकेँ ललकार दैत अछि
हम यदि किछु बाजए चाही
नहि बाजक अधिकार दैत अछि।

जनम-जनमक भूखल-प्यासल
प्रतिनीधि और पंच बनैए
नंगा ओ भीखमंगा मिलिकऽ
बाढ़िमे व्योम बिहार करैए।

हमर घर अन्हारक राजमे
अछि इजोतक आशा
कहिया देखब पूर्ण चन्द्रमा
एतबे अछि अभिलाषा। 
    कविबद्रीनाथ राय अमात्य --

संपर्क  : ग्राम+पोस्ट- करमौली, भया : कलुआह, जिला- मधुबनी (बिहार)

बुधवार, 29 सितंबर 2021

BHAIRAV BABA (BHAIRAV STHAN )

                                                            स्थापना -


         
         एक समय के  बात  अछि , विश्वामित्र जी  राम - लक्ष्मण  संग जखन  मिथिला  भ्रमण  के लेल जायत छलैथ , विस्वामित्र  जी  दू  दिन  अपन  बोहिन कोशी  के ओहिठाम  रुकल  छलैथ , ओही  समय  में  महादेव के छः महा कल रूप  में से  एगो  भैरव महादेव  के  स्थापना  केलैन , ओही दिन से  भैरव  बाबा के नाम  पूरा  मिथिला  में  प्रशिध्ह भगेलैन ,

  क्षेत्र  हिमालय पाहार के नजदिक रही के कारन , बढ़ी के नगरी  कहल  जायत  अछि , लोग सब के माननाय अछि जे , बेर - बेर  बढ़ी ऐला सं भैरव  बाबा के लिंग मईटिक तर  में  समा गेला ,

भैरव बाबा के जागृत  होय के कहानी  ---

(शिवरात्रि  में  पूजा  करैत  भक्त लोकेन )

 
                                
                ( मनोकामना पूर्ण भेला के  बाद  बाबा के   दर्शन करैत  भक्त  लोकैन )

कई बरस  बीत गेल , लिंग  के नामो  निसान मिटा  गेल,  मुद्दा शिव  भोले  संकर के भक्ति से नील गाय माँ के सहारे फेर से भैरव पुनः जागृत  भेला , सब  दिन  संझ  भोर  गो माता ,  भैरव  बाबा के लिंग  के ऊपर आबि  के अपन स्तन  के दुध्ह  समर्पित  करैत छली ,  दृश्य अपन आईखी से  गमक  एक दुटा लोक देखलक , एक कान से दोसर कान सुनते  पूरा इलाका  में  शोर भगेल ,

एतबा में  गनबायर के रजा के सेहो  पता  चली  गेलेन ,  अपन सेना  दल के संग आबी केओही  घनघोर  जंगल  में से बाबा  भैरब  के लिंग  के खोदअ  लागला ,. जे अहि  लिंग के लके  हम अपना  ओहिठाम  स्थापना  करव , खोद्तखोदत साँझ  परी  गेल  , लिंग  ही थम से  निक लय के  नाम  नही लेत छल , छोरीक  सब आदमी वापस  चली गेला   कहिके जे हम सब फेर कालिह आबैत  छि ,

अगिला दिन जखन   राजा  एलायथ  त्  बता  ओही गामक एगो ब्रिधि  बय्क्ति  ओही    राजा के   बता देलखिन , ओही दिन से ओही राजा के दुवारे भैरब बाबा के मंदिर निर्माण  कार्य  प्रारंभ  भगेल , ओही दिन  से  क्षेत्र  बाबा  भैरव  के  नगरी  कहाबाई  लागल , जाकरा सब  भैरव स्थान  के नाम  से  जानैत अछि ,

ओही  दिन से  बाबा भैरव  के प्रागण में  १००० के संखया  में दर्शन यात्री  आबैत  छैथि  और  अपन  मनो कामना   पूर्ण  करैत  छैथि ,जिनका दिन में  समय  नही मिलैत  छैन   ब्यक्ति  संध्या  समय  आरती के आबिके  के अपन  मनोरथ  पूरा करैत  छैथ,

सावन में और  फागुन के शिवरात्रि के दिन  दूर -दूर  से  जल  लके बाबा भैरब  के  समर्पित  करैत  छैथ ,और अपन  जीवन  के सार्थक  बनाबैत  छैथ ,---


बाबा भैरव  के दुवार --
 ( भैरब बाबा के  संध्या  आरती में  लीं  भक्त  लोकइन )
मधुबनी और  झांझरपुर  पथ  के  अर्न्तगत  में स्थापित  अछि , बाबा भैरव  के मंदिर  विदेस्वर  स्थान  से  किलो मीटर  उत्तर  और भगवती पुर से १० किलोमीटर  दक्षिण - पुरव , लोहट चीनी मिल से १२ किलो मीटर पुरव , और कमला  नदी से   किलो मीटर  पछिम  में  स्थित  छैथ ,
(बजरंगवली  मंदिर  निर्माण  कल  में )


       बाबा भैरव के नजदीक  बसल  गाम -घर

      मेहथ , समया  , महिनाथ पुर

पट्टीटोल , कोठिया ,                                                            हेठी ,वाली , नरवार
भरामनबटोल,नारायण पुर                            रूपाली , जमथैरलोहाना

                    रैयाम   , कथना मोहन पुर , विहनगर 

(यात्री  शुविधा   लेल  , बैठक स्थल )


         प्रेम से---
                       बाजु  भैरव  बाबा की  जय


(अपनेक  सब पाठक  गन से  विनम्र   निबेदन  जे  एक  बेर  जरुर  आबी  अहि  तीर्थ  स्थल पर )

मैथिलि पंचाँग वर्ष २०२४-२५

    मैथिलि पंचाँग वर्ष २०२४-२५